मुख्य बिन्दु-
• बाढ़ और सुखाड़ दोनों की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए सभी विभागों के अधिकारी और जिलाधिकारी पूरी तरह अलर्ट रहें।
• सभी तैयारियां ससमय पूरी कर ली जाय। आपदा प्रबंधन विभाग सतत् अनुश्रवण करते रहे कि और क्या-क्या करने की जरूरत है ताकि लोगों को कोई दिक्कत नहीं हो।
• हर चीज पर नजर रखनी है और पूरी तरह से सतर्क रहना है। मुस्तैदी के साथ सभी लोग लगे रहेंगे तो आपदा की स्थिति में लोगों को राहत मिलेगी।
• जिलाधिकारी अपने-अपने जिलों की स्थिति का आकलन करें और उसके अनुसार सभी प्रकार की तैयारियां पूर्ण रखें। वे क्षेत्रों में जाएं और वस्तु स्थिति की जानकारी लें।
• जिलाधिकारी क्षेत्र में लोगों से बात करें और पिछले वर्षों में आपदा की स्थिति में किए गए कार्यों को ध्यान में रखते हुए आपदा से निपटने हेतु कार्ययोजना बनाएं।
भू-जलस्तर पर नजर रखें और पेयजल का इंतजाम रखें। हर घर नल का जल योजना से लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है, इसे पूरी तरह मेंटेन रखें।
• जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत जल संरक्षण को लेकर कार्य किए जा रहे हैं, इसकी सतत् निगरानी करें और इसे बेहतर ढंग से क्रियान्वित करें।
• राज्य के खजाने पर पहला अधिकार आपदा पीड़ितों का है। राज्य सरकार बाढ़ और सुखाड़ की स्थिति में प्रभावितों को हरसंभव मदद करती है, इसे ध्यान में रखते हुये सभी संबद्ध विभाग और अधिकारी सतर्क रहें
पटना, 18 जून 2024 : मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज 01 अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ में संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ के पूर्व तैयारियों की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के जिलाधिकारी एवं वरीय पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक भी जुड़े रहे।
बैठक में भारत मौसम विज्ञान विभाग, पटना के निदेशक ने इस वर्ष मॉनसून सत्र के दौरान वर्षापात के पूर्वानुमान की जानकारी देते हुए बताया कि दो से तीन दिनों में मॉनसून के आने की संभावना है। सभी जिलों में वर्षा होने की संभावना है।
बैठक में आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री प्रत्यय अमृत ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से संभावित बाढ़, सुखाड़ एवं अन्य आपदाओं की पूर्व तैयारियों से संबंधित मुख्य बातों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मानक संचालन प्रक्रिया (एस०ओ०पी०) के अनुसार बाढ़ पूर्व सभी आवश्यक तैयारियां की जा रही हैं। सभी जिलों एवं संबद्ध विभागों को विस्तृत दिशा-निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने नाव संचालन, पॉलिथिन शीट, राहत सामग्री की उपलब्धता, दवा, पशुचारा, बाढ़ आश्रय स्थल, सामुदायिक रसोई, ड्राई राशन पैकेट्स/फूड पैकेट्स, जिला आपातकालीन संचालन केंद्र आदि के संबंध में भी विस्तृत जानकारी दी।
बैठक में विकास आयुक्त सह जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री चैतन्य प्रसाद, स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री प्रत्यय अमृत, नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव श्री आनंद किशोर, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के प्रधान सचिव श्री पंकज कुमार एवं कृषि विभाग के सचिव श्री संजय कुमार अग्रवाल ने अपने-अपने विभागों द्वारा संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ की स्थिति से निपटने को लेकर की गई तैयारियों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ० उदय कांत ने बाढ़/सुखाड़ आदि आपदाओं के बारे में लोगों को जागरूक करने तथा आपदा के क्षेत्र में किये गये कार्यों के बारे में जानकारी दी।
समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुये कहा कि राज्य के खजाने पर पहला अधिकार आपदा पीड़ितों का है। राज्य सरकार बाढ़ और सुखाड़ की स्थिति में प्रभावितों को हरसंभव मदद करती है, इसे ध्यान में रखते हुये सभी संबद्ध विभाग और अधिकारी सतर्क रहें।
मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुये कहा कि बाढ़ और सुखाड़ दोनों की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए सभी विभाग के अधिकारी और जिलाधिकारी पूरी तरह अलर्ट रहें। आपदा प्रबंधन विभाग सतत् अनुश्रवण करते रहे कि और क्या-क्या करने की जरूरत है ताकि लोगों को कोई दिक्कत नहीं हो। उन्होंने कहा कि भू-जलस्तर पर नजर रखें और पेयजल का इंतजाम रखें। हर घर नल का जल योजना से लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है, इसे पूरी तरह मेंटेन रखें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत जल संरक्षण को लेकर कार्य किए जा रहे हैं, इसकी भी सतत् निगरानी करें और इसे बेहतर ढंग से क्रियान्वित करें। उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों की तुलना में इस वर्ष गर्मी ज्यादा है। इसे ध्यान में रखते हुये सभी प्रकार की तैयारी रखें और लोगों को सचेत करें। हर चीज पर नजर रखनी है और पूरी तरह से सतर्क रहना है। मुस्तैदी के साथ सभी लोग लगे रहेंगे तो आपदा की स्थिति में लोगों को राहत मिलेगी। सभी संबद्ध विभाग जिलाधिकारियों के साथ बैठक कर वस्तु स्थिति की जानकारी लें और उसके आधार पर कार्य करे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिलाधिकारी अपने-अपने जिलों की स्थिति का आकलन करें उसके अनुसार सभी प्रकार की तैयारियां पूर्ण रखें। जिलाधिकारी क्षेत्रों में जाएं और वस्तु स्थिति की जानकारी लें। जिलाधिकारी क्षेत्र में लोगों से बात करें और पिछले वर्षों में आपदा की स्थिति में किए गए कार्यों को भी ध्यान में रखते हुए आपदा से निपटने हेतु कार्ययोजना बनाएं। अन्तरविभागीय समन्वय बनाकर कार्य करें ताकि लोगों को सुविधा और सहूलियत मिले।
बैठक में उप मुख्यमंत्री श्री सम्राट चौधरी, उप मुख्यमंत्री श्री विजय कुमार सिन्हा, जल संसाधन मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी, ऊर्जा मंत्री श्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, आपदा प्रबंधन मंत्री श्री संतोष कुमार सुमन, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री श्री नीरज कुमार सिंह, कृषि सह स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पाण्डेय, पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री श्रीमती रेणु देवी, नगर विकास एवं आवास मंत्री श्री नितिन नवीन, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ० उदय कांत, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्य सचिव श्री ब्रजेश मेहरोत्रा, पुलिस महानिदेशक श्री आर०एस० भट्टी, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य श्री पी०एन० राय, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य श्री मनीष कुमार वर्मा, विकास आयुक्त सह जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री चैतन्य प्रसाद, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, स्वास्थ्य एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री प्रत्यय अमृत, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के प्रधान सचिव श्री पंकज कुमार, नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव श्री आनंद किशोर, कृषि विभाग के सचिव श्री संजय कुमार अग्रवाल, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, विशेष सचिव मुख्यमंत्री सचिवालय श्री चन्द्रशेखर सिंह, अन्य वरीय पदाधिकारीगण एवं एन०डी०आर०एफ० और एस०डी०आर०एफ० के पदाधिकारी उपस्थित थे, जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के जिलाधिकारी, वरीय पुलिस अधीक्षक / पुलिस अधीक्षक जुड़े हुए थे।