-मयंक की सफलता से गौरवांवित हैं सुपौल वासी
कुमार अमर: 30 मार्च की शाम जब गुजरात रॉयल्स और पंजाब के बीच आईपीएल का मुकाबला खेला जा रहा था तो किसी ने सोचा नहीं था कि यह शाम वर्ष 2024 आईपीएल इतिहास की शाम होगी और देश के सुदूर इलाके के एक साधारण परिवार का लड़का एक ऐसा इतिहास गढ़ेगा, जो आईपीएल के इतिहास में वर्षों तक याद रखा जाएगा गुजरात टाइटंस और पंजाब के उस मुकाबले में जब गुजरात के कप्तान ने मयंक यादव को बोलिंग थमाई तो पहली गेंद 147 किलोमीटर प्रति घंटा टीवी पर बैठे दर्शक की उत्सुकता बढ़ी और देखते ही देखते उस लड़के ने लगातार रफ्तार से बॉलिंग करते हुए 2024 आईपीएल इतिहास की सबसे तेज गेंद 155.80 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से फेंक कर इतिहास रच डाला। जैसे ही मयंक यादव ने चार ओवर में 27 रन देकर तीन विकेट लिया सुपौल जिले की सोशल मीडिया और फोन पर मयंक यादव की प्रशंसा में किस्से गढ़े जाने लगे। लोग एक दूसरे को बधाई देते अपने आप को काफी गौरवांवित महसूस कर रहे थे। हर तरफ बाद एक ही चर्चा थी मयंक यादव।
कोशी के कछार से निकल कर आईपीएल तक के सफर की कहानी क्रिकेटर के परिवार की जुबानी
देश का नया स्पीड स्टार मयंक यादव आज सुपौल जिले के हर एक जुबान पर है। कोई इसे भरतीय क्रिकेटर का नया सितारा, स्पीड स्टार, रफ्तार का सौदागर न जाने ऐसे कितने नामों से अलंकृत कर गौरांवित है। लेकिन सुपौल जैसे जिले से निकलकर नए सितारें का उदय जिले के लोगों को प्रेरणा देकर गौरर्वाणित देने का अवसर दिया है। लेकिन मयंक का यह सफर आसान नहीं था।
मयंक के चाचा सुपौल जिले के मरोना प्रखंड के रतहु निवासी फूलकुमार बताते हैं, मयंक के पिता प्रभु यादव मेरे बड़े भाई हैं। बताते हैं कि हमारे परिवार की माली हालत ठीक नहीं थी।इसलिए मेरे बड़े भाई कमाने के लिए दिल्ली चले गए थे। जहां उन्होंने भरपूर मेहनत कर खुद को दिल्ली में स्थापित किया। जहां बचपन से मयंक के क्रिकेट के प्रति रुचि को सींचा।जिसका परिणाम आज हमारे बीच है।