आज 3 जनवरी को देश की पहली महिला शिक्षक, समाज सेविका सावित्रीबाई ज्योतिराव फुले की जयंती है। उनका जन्म 03 जनवरी 1831 को महाराष्ट्र के सतारा जिले में स्थित नायगांव नामक छोटे से गांव में हुआ था। वह भारत के पहले बालिका विद्यालय की पहली प्रिंसिपल और पहले किसान स्कूल की संस्थापिका थीं।
शिक्षा आपको प्रबुद्ध कर सकती है और प्रबुद्ध मनुष्य हमेशा विकास करते रहता हैं।
शिक्षा जागृत करने वाली शक्ति है, वह स्त्री और पुरुष के बीच व्याप्त भेद को ख़त्म करती है। कई बार, पिता, भाई, पति और कभी-कभी माँ (पितृसत्तातमक समाज से प्रभावित होकर) जब किसी बेटी या और कोई स्त्री को कोई वस्तु देते है और आभास कराते है कि यह मुफ्त का दिया हुआ है या आपके ऊपर दया है।
शिक्षा आपको सक्षम बना सकती है और वह सब कुछ प्रदान करेगी जो शायद किसी के द्वारा भी दिया नहीं जा सकता। शिक्षा ऐसी शक्ति है जो आपको स्वतंत्र करती और समानता प्रदान करती है।
इसलिए, महान शिक्षका और समाज सुधारक सावित्रीबाई फुले का योगदान
अविस्मरणीय है। भारत में महिला शिक्षा के लिए उनका प्रयास सभी के
लिए प्रेरणादायक है।